


भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का समापन 2-2 की बराबरी पर हुआ। अंतिम टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने महज 6 रनों से जीत दर्ज की, और इस जीत के साथ सीरीज को बराबरी पर समाप्त किया। इस सीरीज के दौरान कई मुद्दों पर बयानबाजी भी देखने को मिली, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा उस बयान को लेकर थी, जो इंग्लैंड टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने दिया था।
बेन स्टोक्स का विवादास्पद बयान
मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत चोटिल हो गए थे। स्कैन के बाद यह पाया गया कि पंत के पैर में फ्रैक्चर था, लेकिन फिर भी उन्होंने मैच के दौरान दूसरी पारी में बल्लेबाजी की। इस मुद्दे पर टीम इंडिया के हेड कोच ने सुझाव दिया था कि यदि किसी प्लेयर को चोट लगती है, तो उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को खेलने का मौका मिलना चाहिए। इस पर बेन स्टोक्स ने सवाल उठाए जाने पर इसे मजाक में टाल दिया था।
अश्विन ने दिया करारा जवाब
अब इस बयान पर रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बेन स्टोक्स को बोलने से पहले सोच-समझकर बोलना चाहिए था। अश्विन ने कहा, "मैं स्टोक्स के खेल का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं, लेकिन इस तरह के बयान हल्के में नहीं दिए जाने चाहिए। आपको जो बोते हैं, वही काटते हैं।"
अश्विन ने कहा - आप जो बोते हैं, वही काटते हैं
अश्विन ने आगे कहा कि तमिल में एक कहावत है, जिसका अर्थ है "आपके कर्म का फल तुरंत मिलता है।" उनका कहना था कि बेन स्टोक्स को इस मामले में बयान देने से पहले पूरी तरह से विचार करना चाहिए था, क्योंकि ऐसे बयान आसानी से टाले नहीं जा सकते।
भारतीय टीम की एकजुटता
इस पूरे विवाद के बीच, भारतीय टीम ने अपने खिलाड़ियों के साथ एकजुटता दिखाई और स्टोक्स के बयान को नजरअंदाज कर दिया। भारतीय क्रिकेट फैंस और टीम के लिए यह मुद्दा महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि यह न केवल खेल की भावना को दर्शाता है, बल्कि टीम इंडिया की आंतरिक साख और संघर्ष को भी। यह विवाद क्रिकेट जगत में एक बार फिर से इस बात को उजागर करता है कि मैदान पर और मैदान के बाहर, खिलाड़ियों के बीच की बयानबाजी और विचारों का आदान-प्रदान कैसे महत्वपूर्ण होता है।